भोंपूराम ख़बरी, रूद्रपुर। कोरोलिया लाइटिंग फैक्ट्री प्रबंधन ने संराधन कार्यवाही के दौरान 10 मज़दूरों की गेटबंदी की थी। जिसपर श्रमिक ड्यूटी पर पहुंचे तो सभी श्रमिकों का प्रबंधक द्वारा गेट बंद कर दिया गया और हड़ताल वापस लेने के बाद ही गेट खोलने की बात कही गई। जिसके विरोध में कोरोलिया लाइटिंग इम्प्लाइज यूनियन ने एसडीएम के माध्यम से डीएम को ज्ञापन सौंपा।
यूनियन अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने प्रबंधन से निवेदन किया की हम सभी काम करने आए है हमें काम पर लो, लेकिन प्रबंधन नही माना और सभी श्रमिकों को काम पर जाने से रोक दिया।
मजबूर होकर श्रमिकों को फेक्ट्री करोलिया लाइटिंग प्राइवेट लिमिटेड से श्रम भवन रूद्रपुर जाना पड़ा और न्याय की मांग करते रहे।यहां तक की 5 जनवरी को एडीएम, महोदय के समक्ष त्रिपक्षीय वार्ता थी परंतु प्रबंधन अपने अड़ियल रवैए और हटधर्मिता के कारण वार्ता मै भी उपस्थित नही हुए।उन्होंने बताया कि दरअसल करोलिया लाइटिंग में जब से यूनियन बनी है, तब से ही दमन चल रहा है। डेढ़ साल पहले कोविड-19 जांच की अपील करने पर यूनियन के उपाध्यक्ष सुनील कुमार यादव को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया था। उसी मामले में प्रबंधन कथित रूप से जांच चलाता रहा और यूनियन पर तरह तरह के दबाव बनाता रहा।
यूनियन ने प्रबंधन को अपना एक मांग पत्र दिया था। प्रबंधन उसे भी दरकिनार करता रहा। मामला सहायक श्रम आयुक्त के समक्ष लंबित है। इसी दौरान 23 दिसंबर 2021 को अचानक प्रबंधन ने 10 मजदूरों के साथ 5 जनवरी को सभी मजदूरों की तालाबंदी कर दी।यूनियन अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रबंधन पूर्व में बर्खास्त किए गए यूनियन उपाध्यक्ष सुनील यादव की सवेतन कार्यबहाली करे, जिन 10 श्रमिकों की संराधन कार्यवाही के दौरान गेट बंदी की गई है, सभी श्रमिकों की तत्काल कार्यबहाली करें, सारे आरोप पत्र निरस्त करे और मांग पत्र पर समझौता करें। जब तक श्रमिकों की समस्याओं का समाधान नहीं होता तब तक मजदूर श्रमिक संघर्ष करेंगे।