भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर।”कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”, इस कहावत को सही मायनों में चरितार्थ किया रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज के कोविड के नोडल अधिकारी डॉ राजेश सिन्हा ने। जिन सरकारी अस्पतालों के नाम से भी लोग डर जाया करते थे और प्रयत्न करते थे कि वह अपना इलाज निजी अस्पताल में कराएं। आज उसी सरकारी अस्पताल की दशा डॉ सिन्हा ने अपने प्रयासों से बदल दी है।
कोरोना रोगित्यों की बड़ी संख्या से जूझ रहे राजकीय मेडिकल कॉलेज को किसी प्रतिनिधि की इच्छा शक्ति की दरकार थी। बीते एक सप्ताह में ही डॉ सिन्हा ने अपनी टीम के साथ मिलकर यहाँ की तस्वीर बदल कर रख दी है। डॉ सिन्हा ने बताया कि फिलवक्त कॉलेज में दो हेल्प डेस्क स्थापित कर दिए गए हैं जिससे आने वाले मरीजों व उनके तीमारदारों को किसी भी किस्म की समस्या न हो। मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन बेड लगा दिए गए हैं। ऑक्सीजन की समुचित सप्लाई का भी प्रबंध कर दिया गया है।
डॉ सिन्हा ने बताया कि संक्रमण को रोकने के लिए बाथरूम व टॉयलेट्स की दिन में चार बार सफाई करायी जा रही है। हालाँकि उन्होंने स्वीकारा कि स्टाफ की कमी से थोड़ी परेशानी है मगर सीमित संसाधनों में भी बेहतर कार्य करने का प्रयास पूरी टीम द्वारा किया जा रहा है। आईसीयू की सभी सुविधायें दूरस्त कर दी गयी हैं और कॉलेज के सभी तलों पर बुर्सिंग स्टेशन बना दिए गए हैं। कॉलेज के अन्दर दोनों लेबोरेटरी बेहतर ढंग से कार्य कर रही है। किसी भी असुविधा से बचने के लिए सभी स्टाफ को परिचय पत्र जारी किये गये हैं।
डॉ सिन्हा ने कहा कि इस पूरी कवायद में उन्हें प्रशासन व समाज का भरपूर सहयोग मिला। उन्होंने उम्मीद जताई कि साथ में मिलजुल कर कार्य करने से और हौसला रखने से इस महामारी से अवश्य पार पाया जायेगा।
मेडिकल कॉलेज में आये परिवर्तन की वाहवाही हो रही है। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने कहा कि अस्पताल के चिकित्सकों की मेहनत से अब राजकीय मेडिकल कॉलेज पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। यदि सभी चिकित्सक डॉ सिन्हा की तरह निष्ठा से कार्य करें तो मेडिकल कॉलेज की तस्वीर में आमूलचूल परिवर्तन आ जायेगा।
भाजपा नेता भारत भूषण चुघ ने कहा कि शासन के निर्देशों के तहत मेडिकल कॉलेज बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने डॉ सिन्हा सहित सभी चिकित्सकों के मनोयोग के लिए उनका आभार जताया।