भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। अब इसे प्रकृति की मार कहें या भाग्य की विडम्बना कि जिस नगर निगम से शहर की जनता स्कूल, सड़क, नाली, पार्क, सफाई, बिजली आदि सुविधाओं के लिए उम्मीद लगाती है, वह नगर निगम शहर में नया श्मशान गृह बनाने को मजबूर हो गया है।
कोरोना के कहर ने देश भर में लाखों घरों के चिराग बुझा दिए तो रुद्रपुर भी अपवाद नहीं है। यहाँ किच्छा मार्ग पर स्थित शहर के एकमात्र श्मशान गृह में प्रतिदिन क्षमता से अधिक शवों का दहन किया जा रहा है। कोविड मृतकों के शवों के दहन को जिलाधिकारी ने निगम को दायित्व दिया था। जिसके बाद श्मशान गृह में पूर्व में स्थापित बारह प्लेटफार्म कम पड़ने पर निगम द्वारा शवों का अंतिम संस्कार श्मशान गृह के साथ लगते मैदान पर किया जा रहा था।
शवों को अंतिम विदाई भी सम्मानजनक रूप से न मिलने से आहत निगम के मेयर रामपाल सिंह ने इसी मैदान पर वैकल्पिक श्मशान गृह विकसित करने का निर्णय लिया। इसके लिए मैदान में 20 फीट गुणा 120 फीट के टुकड़े पर टीन शेड बनाया जा रहा है। लगभग सत्रह लाख रुपये के बजट से निर्मित किये जाने वाले इस शवदाह स्थल पर एक बार में बीस शवों को अग्नि दी जा सकेगी। मेयर रामपाल सिंह के मुताबिक गुरुवार तक ये शेड बनकर तैयार हो जायेगा। उनका कहना था कि संकट के इस काल में हजारों लोग अपने परिजनों को खो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस मृतकों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार का अधिकार है और इसी सोच के चलते नया शवदाह गृह विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कोरोना काल में सबसे एकजुट रहने और धीरज से काम लेने की अपील की। कहा कि समाज एक साथ मिलकर इस महामारी से पार पा ही लेगा।