शहर में मंगलवार रात से ही रुक-रुककर बारिश होने लगी थी जो बुधवार को दिन में भी जारी रही। इससे शहर की सड़कें कीचड़ से सराबोर नजर आने लगी हैं। शहर में कई स्थानों पर निगम कर्मचारियों ने नालों की सफाई करने के बाद मलबा किनारे छोड़ दिया थी। ऐसे में रिमझिम बारिश होने पर पानी के साथ मलबा बहकर सड़क पर फैल गया है। इससे सड़क पर पैदल चलने वालों को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है। यही नही पानी के साथ मलबा नालों में भी बहकर जा रहा है। नालों का गंदा मलबा सड़क पर बहने से बदबू के साथ संक्रामक बीमारियाँ फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। वहीं शहर की सड़कों की जर्जर हालत के कारण थोसी सी बारिश के बाद जलभराव होने से कई वाहन सवार चोटिल हो गये। दूसरी ओर बारिश के बाद भी तापमान में गिरावट न होने पर मौसम विज्ञानियों ने चिंता जताई है। पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी डॉ आरके सिंह ने कहा कि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। उन्होंने कहा अकि पहाड़ी इलाकों में बर्फ़बारी न होने और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रीय न होने के कारण अभी ठण्ड नहीं बढ़ी है। हालाँकि उन्होंने कहा कि 12 जनवरी के बाद तापमान में तेजी से गिरावट आएगी और आने वाले दिनों में बारिश के दोबारा आसार हैं।
बारिश के बाद कीचड व गड्ढे बने जी का जंजाल
रुद्रपुर। मंगलवार को हुई थोड़ी देर की बारिश ने नगर की सड़कों की पोल खोलकर रख दी है। बारिश के पानी से शहर की सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गई हैं। नाले-नालियों की सफाई कर किनारे रखा गया मलबा पानी के साथ सड़क पर बह रहा है। इससे सबसे अधिक दिक्कत पैदल चलने वालों को हो रही है। टूटी सड़कों में गड्ढों में भरे पानी के बीच गिरकर कई बाइक सवार चोटिल भी हुए। नगर निगम कर्मियों की लापरवाही का ख़ामियाज़ा राहगीर व शहर के लोग भुगत रहे हैं। हालाँकि बारिश से तापमान में गिरावट न होने से मौसम विज्ञानियों ने हैरानी जताई।
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