Friday, June 20, 2025
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बेख़ौफ़ कालोनाइजर कृषि भूमि पर विकसित कर रहे कालोनी —— ग्राम फुलसुंगा का मामला, जिला विकास प्राधिकरण की रोक के बावजूद हो रहा निर्माण कार्य

भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर।

औद्योगिक नगरी रुद्रपुर में बिल्डर बेख़ौफ़ हो चले हैं। इन्हें न ही प्रशासन और न ही जिला विकास प्राधिकरण का डर है। क्षेत्र में अवैध रूप से दर्जनों कालोनियां विकसित की जा रही हैं। इनमें बिल्डर लोगों के खून-पसीने की कमाई को गैर-कानूनी रूप से डकारने में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम फुलसुंगा के जनपथ रोड पर लगभग 10 एकड़ भूमि पर अवैध रूप से विकसित हो रही कालोनी का है। प्राधिकरण द्वारा उक्त कालोनी अवैध घोषित करने के बावजूद भी यहाँ निर्माण कार्य धड़ल्ले से चल रहा है।

दरअसल जिला विकास प्राधिकरण ने 20 नवंबर वर्ष 2020 में इस अवैध कॉलोनी को सीज कर कालोनी में किसी भी रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। पर प्राधिकरण के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए मूल रूप से राजस्थान निवासी इस कालोनी का बिल्डर यहाँ लगातार निर्माण करा रहा है। मौके पर दुकानों और मकानों का निर्माण चल रहा है।

सूत्रों के अनुसार कि आरोपी तथाकथित बिल्डर ने पहले तो राजस्थान के ही एक नामी व्यापारी से फुलसुंगा के जनपथ रोड पर इस अवैध कॉलोनी में करोड़ों रुपए का इन्वेस्टमेंट कराकर लगभग 10 एकड़ भूमि खरीद ली और बाद में उस व्यापारी को भी गच्चा दे दिया। इस अवैध कॉलोनी में करोड़ों रुपए का मोटा इन्वेस्टमेंट करने वाले व्यापारी से ठगी करने के बाद तथाकथित राजस्थान के बिल्डर ने अभी हाल ही में रुद्रपुर नैनीताल रोड पर स्थित एक पॉश कॉलोनी में दो करोड़ रुपए का मकान भी खरीदा है। बहरहाल इस पूरे मामले को देख कर बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार क्या जिला विकास प्राधिकरण ने केवल दिखावे के लिए इस अवैध कॉलोनी की रजिस्ट्री पर रोक थी और क्या इस तथाकथित बिल्डर को विकास प्राधिकरण ने लूट की खुली छूट दे रखी है

जहां एक तरफ जिला विकास प्राधिकरण लगातार लोगों द्वारा बिना नक्शा पास कराए जा रहे मकानों और दुकानों के चालान काट रहा है वहीं दूसरी तरफ कृषि भूमि पर विकसित हो रही इस अवैध कालोनी के खिलाफ प्राधिकरण द्वारा कोई कार्रवाई न किया जाना अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाता है। ज्ञात हो कि राजस्थान से आकर रुद्रपुर में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियों का कारोबार करने वाले इस बिल्डर ने पहले भी कृषि भूमियों पर कालोनियां विकसित की और इससे प्लाट और मकान खरीदने वाले ग्राहक आज भी इसके दफ्तर के चक्कर लगाते देखे जा सकते हैं।

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