Saturday, June 21, 2025
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ठुकराल ने फिर उठाया नजूल भूमि का मुद्दा 

भोंपूराम खबरी रूद्रपुर। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन रुद्रपुर के विधायक राजकुमार ठुकराल ने नियम 300 के अंतर्गत राज्य में वर्षों से नजूल भूमि पर निवास कर रहे लोगों को मालिकाना हक पट्टा दिये जाने हेतु उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक 2021 को पुनर्स्थापित किए जाने का मुद्दा उठाया। साथ ही नियम 53 के अंतर्गत उन्होंने ग्राम महतोष संजय नगर से नवाबगंज तक चार किमी सडक चैड़ीकरण की मांग की। नियम 300 के अंतर्गत दिये गये प्रस्ताव में विधायक ठुरकाल ने कहा कि उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबंधन व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक 2021 का निर्माण किया जाना इसलिए आवश्यक है कि पिछले चालीस वर्षों से नजूल भूमि पर कब्जाधारक असहाय अवस्थ में जीवनयापन कर रहे हैं।

19 जून 2018 को मा. उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा उत्तराखण्ड की नजूल नीति को खारिज कर रूद्रपरु के चैदह हजार से अधिक मकान तोड़ने के आदेश दिये थे इस संदर्भ में उन्होंने स्वयं एक दर्जन से अधिक बार अपनी सरकार के आगे निर्धनों को बचाये जाने की गुहार लगायी थी। इस हेतु हमारी सरकार ने मा. उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल की थी जिससे नजूल पर निवास कर रहे नागरिकों के मकान बचाने हेतु सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया था, परंतु नजूल नीति के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की थी। विधायक ठुकराल ने बताया कि इस संदर्भ में वह स्वयं दिनांक 30 अगस्त 2021 व दिनांक 6 सितम्बर 2021 को मा. उच्चतम न्यायालय कार्यवाही देखने गये थे और दिनांक 6 सितम्बर 2021 को सरकार के अधिवक्ता के माध्यम से इस प्रकरण में एक अरजेन्सी एप्लीकेशन भी दाखिल की थी। इसके पश्चात अगले दिन देहरादून पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंत्रीमण्डल बैठक में नजूल सम्बंधी प्रकरण को पास कराने हेतु आदेश कराया। साथ ही आवास विभाग, न्याय विभाग व गोपन विभाग में अधिकारियों के साथ सचिवालय में कड़ी मेहनत कर 24 सितम्ब्र को मंत्रीमण्डल की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आशीर्वाद से नजूल सम्बंधी प्रस्ताव पारित कराया था। विधायक ठुकराल ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार के अधिवक्ता के माध्यम से 6 सितम्बर 2021 को आवेदित अरजेन्सी एप्लीकेशन पर सुनवाई करते हुए मा. उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा उत्तराखंड की नजूल नीति को खारिज किये जाने के विरुद्ध स्टे कर दिया गया। जिसके बाद हमारी सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय के आदेशों का अनुपालन करते हुए 6 दिसम्बर को पुनः नजूल नियमावली का निर्माण कर मंत्रीमण्डल में प्रस्ताव पारित कर दिया गया। विधायक ठुकराल ने सदन को बताया कि पिछले दस वर्षों से वह प्रत्येक विधानसभा सत्र में नजूल भूमि का प्रकरण उठा रहे हैं। कई बार उन्हें निराश और मानसिक पीड़ा लेकर वापस लौटना पड़ा है। अब नजूल भूमि पर निवास कर रहे लोगों को आशा की किरण दिखाई दे रही है। विधायक ठुकराल ने उक्त विषय को गंभीरता से लेते हुए व्यापक जनहित में इसी सत्र में उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक 2021 को पारित करने की मांग की।

वहीं नियम 53 के अंतर्गत विधायक ठुकराल ने रूद्रपुर विधानसभा अंतर्गत खटीमा-पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित ग्राम महतोष संजयनगर से ग्राम नबाबगंज स्थित शहीद बलजीत सिंह की मूर्ति तक 4 कि0मी0 सड़क का चैड़ीकरण्करने की मांग की। विधायक ने कहा कि इस चार किमी सड़क सम्पर्क की स्थिति अत्यन्त जीर्ण-शीर्ण एवं कष्टदायी व दयनीय है। 19 दिसम्बर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस सड़क के निर्माण की घोषणा भी की थी। लेकिन दो राज्यों को जोड़ने वाले इस सड़क सम्पर्क मार्ग को अभी तक नहीं बनाया जा सका सका है। जिससे जनता में आक्रोश है। इसी मार्ग पर ग्राम रतनपुरा में कैंसर अस्पताल को संचालित करने वाले वैध पदमश्री बालेन्दू प्रकाश के साथ क्षेत्र के विभिन्न ग्रामों महतोष संजयनगर, रतनपुरी, अलखदेवा, अलखदेवी, रतनपुरा, नबाबगंज, श्रमिक कालोनियों व अन्य ग्रामों के 500 से अधिक नागरिकों ने इस सड़क के अविलम्ब निर्माण हेतु 26 जनवरी, 2019 गणतन्त्र दिवस के दिन ग्राम महतोष स्थित इस सड़क के प्रारम्भिक स्थल पर एक दिवसीय धरना उपवास भी किया था। इस स्टेट हाईवे का निर्माण व्यापक जनहित में अति आवश्यक है।

 

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