Saturday, June 21, 2025
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किसानों की महापंचायत 1मार्च को,गरजेंगे किसान नेता राकेश टिकैत 

भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। केन्द्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को किसानों की प्रस्तावित रैली के लिए तैयारियाँ पूरी हो चुकी है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रैली में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे। अंदाजा है कि लगभग पचास हजार किसान इस रैली में प्रतिभाग करेंगे। टिकैत की सुनने के लिए उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर किसान नेताओं ने रैली के लिए पूर्व में प्रस्तावित स्थल गांधी पार्क से बदलकर अब किच्छा रोड स्थित मोदी मैदान में कार्यक्रम तय किया है।

तराई किसान सभा के अध्यक्ष तेजेंदर सिंह विर्क ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दर्जनों वालंटियर बीते दस दिनों से हर गाँव-मोहल्ले और शहर में संपर्क कर रैली के लिए समर्थन जुटा रहे थे। जनसंपर्क के दौरान अंदाजा हुआ कि भीड़ उम्मीद से काफी अधिक हो सकती है इसके चलते रैली स्थल को बदला गया। उन्होंने कहा कि तराई के हजारों किसान बीते तीन महीने से गाजीपुर बॉर्डर पर केंद्र सरकार के कानूनों के खिलाफ चल रहे आन्दोलन में अनवरत भाग ले रहे हैं। अब रैली के जरिये इन काले कानूनों के खिलाफ और अधिक किसानों को लामबंद किया जायेगा। वहीं भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा ने भी शनिवार को रैली स्थल का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अब दमन की राजनीति पर उतर आई है। देश के अन्नदाता किसान को प्रताड़ित किया जा रहा है। चंद पूंजीपतियों को लाभ देने के लिए पूरे कृषि क्षेत्र को गिरवी रखने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। रैली के माध्यम से सरकार को चेताया जायेगा।
 न्यूज पोर्टल भोंपूराम खबरी से वार्ता करते हुए गाजीपुर किसान आन्दोलन समिति के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि रैली के लिए गैर-भाजपाई राजनीतिक दलों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जनता जान चुकी है कि मोदी सरकार के निहित स्वार्थों के कारण यह काले कानून किसानों पर थोपे गए हैं। केंद्र सरकार को यह काले कानून वापस लेने ही होंगे। बाजवा ने कहा कि इस तरह की रैलियाँ पूरे देश में आयोजित की जाएँगी।
वही रैली के सह संयोजक  नवजोत सिंह खैरा ने बताया कि  हमारे नेता राकेश टिकैत की रैली तराई के किसानों के लिए संजीवनी का काम करेगी। केंद्र सरकार जब तक कृषि कानून वापस नहीं लेगी हमारा आन्दोलन जारी रहेगा। किसान धरतीपुत्र होता है और अपनी जमीन पूंजीपतियों के हवाले नहीं करेगा। रैली से हम यह साबित करेंगे कि आन्दोलन के तीन महीने बीतने पर भी हमारा हौसला कमजोर नहीं हुआ है। रैली में आने वाले किसानों के लिए लंगा की व्यवस्था भी रखी गयी है।  
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़ ने कहा की  मोदी सरकार अब तानाशाही पर उतर आई है। लगभग ढाई सौ किसान आन्दोलन के दौरान अपनी जान गँवा चुके हैं। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है। रुद्रपुर में प्रस्तावित रैली में किसान कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शिरकत करेंगे। कांग्रेस पार्टी की ओर से मैं किसानों को आश्वस्त करता हूँ कि हम तन-मन-धन से उनके साथ हैं। 

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