Monday, June 23, 2025
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बिजली के झूलते तार दे रहे हादसों को दावत 

भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। महानगर की खेड़ा कालोनी के लोग बुरे हालात में जीवन गुजार रहे हैं। पुरानी और घरों व गलियों में झूलती जर्जर विद्युत लाइनें हादसों को दावत देती नजर आ रही हैं। लाइनें लोगों के छतों से होकर गुजरी हैं। जिससे लोग अपनी छतों पर भी खड़े नहीं हो पाते। शहर की सड़कों पर झूल रहे जर्जर बिजली के तार हादसों को दावत दे रहे हैं। इन तारों से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों की समस्याओं को देखते हुए कुछ वर्ष पहले अधिकारियों ने अभियान चलाकर जर्जर तारों को बदला था। बावजूद इसके कई मोहल्लों में अभी भी जर्जर तार लगे हुए हैं। जिनसे अक्सर हादसे होते रहते हैं। लेकिन अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

बिजली के तार हादसों को दावत दे रहे हैं। हर माह सुविधाओं के नाम पर लाखों रुपये खर्च करने का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। आए दिन तार टूटते भी हैं, लेकिन विभाग बदलवाने की बजाय जुड़वाकर इतिश्री कर लेता है। आलम यह है कि आए दिन इन तारों से स्पार्किंग होती है। मानकों के अनुसार हर हाईटेंशन लाइन के नीचे तारों का जाल होना आवश्यक है, लेकिन यहाँ कहीं नजर नहीं आता। यही वजह है लाइन टूटकर राहगीरों पर गिरती हैं। क्षेत्र में दीवारों को छेदकर लाइन निकाली गई हैं और बिजली तारों को सहारा देने के लिए बांस और बल्लियों का इस्तेमाल किया जा रहा है। नियमानुसार विद्युत पोल से अधिकतम तीस मीटर दूरी तक ही केबल खींचकर संयोजन दिया जा सकता है। जबकि सौ, डेढ़ सौ मीटर तक केबल खींच दी गई हैं, जो बिना सहारे के झूलने लगती हैं।

हाईटेंशन लाइन के तार इतने नीचे हैं कि लोगों को हमेशा हादसे का डर बना रहता है। सड़क के किनारे के झूलते इन तारों से वाहन चालक को भी खतरा बना रहता है। जर्जर बिजली के तारों से अक्सर घटनाएं होती रहतीे हैं। तारों में गार्डिंग न होने से तेज हवा व आंधी के समय वह आपस में टकराते हैं। स्पार्किंग होने से चिंगारियां निकलती हैं। जिससे आग लगने का खतरा भी बना रहता है। खेड़ा कालोनी रोड पर बरसात के मौसम में जल भराव हो जाता है। ऐसे में अगर बिजली का तार टूटकर गिर जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है। बिजली के तार सड़क पर काफी नीचे हैं। ऐसे में वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को हादसे का डर सताता रहता है। कई मोहल्लों में खुले जर्जर बिजली के तार झूल रहे हैं, जिससे तार एक दूसरे में चिपके रहते हैं। हवा चलने पर वह आपस में टकराते हैं। बस्ती में फैली विद्युत लाइनें इतनी पुरानी हो चुकी है कि वह आए दिन टूटकर गिरती रहती हैं। जिससे हादसों का डर तो रहता ही है, साथ ही विद्युत आपूर्ति भी ठप हो जाती है। जर्जर लाइनों से मुहल्ले में लो-वोल्टेज की समस्या भी हमेशा बनी रहती है।

 

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