रूद्रपुर। ग्राम कीरतपुर स्थित पंचवटी कालोनी में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण में स्वीकृत ले-आउट प्लान के विपरीत आवसीय भूखण्ड बनाने का मामला प्रकाश में आया है। जिस पर ओमेक्स रिवेरा निवासी व्यक्ति ने कालोनी में ले-आउट प्लान के तहत 94 भूखण्डो की जगह 110 भूखण्ड बनाने का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
ओमेक्स रिवेरा निवासी रजनीश राय ने जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को पत्र लिखकर कहा है कि एलायंस किंग्सटन इस्टेट, रूद्रपुर निवासी सुधीर चावला और सुरेन्द्र चावला ने ग्राम कोलड़ा, तहसील रूद्रपुर में 17730 एकड़ भूमि में पंचवटी आवासीय कालोनी विकसित करने के लिए जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण कार्यालय में ले-आउट प्लान स्वीकृत कराया था। आरोप है कि उक्त कॉलोनी के विज्ञापन में इसे रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) द्वारा प्रमाणित बताया गया जबकि ऐसा नहीं है।
राय के अनुसार प्राधिकरण द्वारा स्वीकृत ले आउट प्लान के तहत इस कालोनी में 94 भूखण्ड होने चाहिए। लेकिन अपने लाभ को देखते हुए चावला पिता-पुत्र ने 94 भूखण्डो के स्थान पर 110 भूखण्ड बनाकर एक अवैध ले-आउट प्लान तैयार कर उनको बेचना शुरू कर दिया। जिसके तहत उन्हें भी एक भूखण्ड 67ए बेचा गया और उसकी रजिस्ट्री भी उनके पक्ष में कर दी गई। लेकिन मौके पर स्वीकृत ले-आउट प्लान के तहत 67ए भूखण्ड मौजूद नहीं है। राय ने आरोप लगाया कि दोनो भूस्वामियों ने स्वीकृत ले-आउट प्लान के विपरीत उन्हें भूखण्ड बेचकर उनके साथ ठगी व धोखाधड़ी की गई है। उनका यह भी आरोप है कि जिस प्लाट की रजिस्ट्री उन्हें सुरेन्द्र चावला ने करायी है वह दरअसल सुधीर चावला के स्वामित्व का है।
राय का कहना है कि उन्हें गुमराह कर रजिस्ट्री के नाम पर 4,40000 रूपये एवं भूखण्ड की कीमत 1660000 रूपये भी ले लिये। यही नहीं जिस प्लाट को उन्होंने क्रय किया था उस पर वह लगभग आठ लाख रुपये का निर्माण कार्य भी करा चुके हैं मगर उन्हें इस प्लाट का स्वामित्व नहीं दिया जा रहा है और साथ ही उन्हें वहां प्रवेश करने से भी जबरन रोका जा रहा है। राय का यह भी आरोप है कि यदि सक्षम अधिकारी जांच करें तो इस कालोनी में धोखाधड़ी के और मामले भी सामने आयेंगे।
पीड़ित ने शिकायती पत्र में प्रकरण की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करते हुए न्याय दिलाने को कहा है। शिकायती पत्र की प्रतिलिपि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और प्रभारी रेरा को भी भेजी गई है।

वहीं इस मामले में कालोनी स्वामी सुधीर चावला से प्रयास करने के बाद भी संपर्क नहीं हो सका।