भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर धरने के दौरान मारे गए किसानों की आत्मिक शांति को नंगे पाँव यात्रा करने वाले शहर के समाजसेवी सतपाल ठुकराल यात्रा पूरी कर वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान लोगों ने उनका अभूतपूर्व स्वागत किया।
शहर के किसान व समाजसेवी सतपाल ठुकराल ने गत 13 सितंबर से नंगे पांव पैदल यात्रा प्रारंभ की थी। जिनका एकमात्र उद्देश्य जवान और किसानों की शहादत को प्रणाम करना था। देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ठुकराल ने पिछले लगभग 1 माह से अन्य त्याग रखा है और वह मात्र दूध और फलाहार पर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। साथ ही पिछले 8 माह से वह नंगे पांव भ्रमण कर रहे हैं। उनका एक मानना है कि जब तक देश में जवान और किसान का सम्मान एक बरकरार ना हो तब तक इस देश की सार्थक परिकल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा पदयात्रा के दौरान मात्र जनपद उधम सिंह नगर ही नहीं बल्कि प्रत्येक जनपद के लोगों ने उनका अभिनंदन किया। रुद्रपुर से नंगे पाव पदयात्रा करते करते वह गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे, जहां उन्होंने किसान आंदोलन के प्रणेता लोगों से मुलाकात की। जिसमें राकेश टिकैत सहित तमाम लोग थे। गाजीपुर बॉर्डर के बाद वह शीशगंज गुरुद्वारा पहुंचे जहां किसान आंदोलन में शहीद हुए लोगों की आत्मिक शांति के लिए उन्होंने अरदास की। सतपाल ठुकराल ने कहा कि किसानों का दर्द महसूस करना चाहिए क्योंकि किसान देश का अन्नदाता है। उन्होंने अपील करी कि देश का नौजवान एक संकल्प लेकर इस समाज में फैली हुई दूरियों को समाप्त करें ताकि पूरा समाज एकजुट हो सके। मुख्य बाजार स्थित गोल मार्केट पहुँचने पर ठुकराल का स्वागत किया गया ।इस दौरान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जसपाल भट्टी, पूर्व प्रधान सुरमुख सिंह विर्क, मनजीत सिंह मक्कड़, चरणजीत सिंह, गुरविंदर सिंह, परविंदर सिंह, सुकुमार मंडल, अमन ठुकराल, राहुल छावड़ा, सचिन छाबड़ा, कुलवंत सिंह, गुरबचन सिंह सहित तमाम लोग मौजूद थे।