भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। लखीमपुर में किसानों की हत्या के विरोध में जिले भर के सैकड़ों किसान कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान किसानों को डीएम कार्यालय की ओर जाने नहीं दिया गया व पुलिस के जवानों ने मुख्य द्वार बंद कर दिया। आसपास के सभी थानों की पुलिस फ़ोर्स कलेक्ट्रेट में बुला ली गयी। गुस्साए किसानों ने गेट पर ही धरना शुरू कर दिया और सभा का आयोजन किया जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली।
भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने लखीमपुर की घटना पर दुख जताते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और उनके पुत्र आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने और टेनी को मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने की मांग की। किसानों ने कहा कि शहीद हुए जवानों को एक-एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही उनके परिवार को सरकारी नौकरी और पेंशन की व्यवस्था भी की जाए। किसानों ने भाजपा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि अब आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। कहा कि अजय मिश्र टेनी पूर्व में भी किसानों को चेतावनी दे चुके थे। ऐसे में उनका यह कृत्य सोची समझी साजिश है। किसानों के धरने को व्यापार मंडल, कांग्रेस पार्टी व आम आदमी पार्टी का भी समर्थन मिला। प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा ने कहा कि व्यापारी वर्ग देश के अन्नदाता किसान के साथ है। लखीमपुर कांड ने जलियांवाला बाग़ की याद ताजा कर दी है। कांग्रेस नेता सुशील गावा ने कहा कि यूपी की योगी सरकार निरंकुश हो चली है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाडी चढ़ाना बर्बरता की पराकाष्ठा है। कांग्रेस पार्टी किसानों पर आये इस संकट की घड़ी में उनके साथ है। सभा के दौरान मृत किसानों की आत्मिक शांति के लिए मौन धारण किया गया।
इस दौरान सुखपाल सिंह, साहब सिंह, जसप्रीत सिंह, हरभजन, हरपाल सिंह, जसपाल सिंह, नवजोत सिंह, विक्रमजीत सिंह, बलविंदर सिंह, बलबीर सिंह, हरजीत सिंह, गुरजीत, वीरेंदर सिंह, हरपिंदर सिंह, गुरपिंदर सिंह, सतपाल अरोड़ा, गगन प्रकाश, समरवीर सिंह सीटू, गुरमीत कहलों, मनोज कुमार, विकास मोनी, दीपक राय, मोहित भल्ला, नितिन गावा आदि तमाम किसान मौजूद थे। किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर कलेक्ट्रेट मैं बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।