भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। जिला मुख्यालय के औधोगिक केंद्र के 21 वर्ष पूरे हो जाने के बाद भी रुद्रपुर जैसे केंद्रों में आने वाले कर्मचारियों को अवेहलना का शिकार होना पड़ रहा है। पायलट इंडस्ट्रीज में कर्मचारी रामरतन को पथरी रोग से पीड़ित होने के बावजूद केवल मुहर लगवाने के लिए घंटो का इंतजार करना पड़ा। वहीं अधिकारीयों ने राज्य सरकार पर ठीकरा फोड़ते हुए स्टाफ की कमी को ही मरीजों की अवेहलना का ही कारण बताया। कोरोनाकाल के बाद रुद्रपुर ईएसआईएस में रोजाना 400 मरीज रोजाना ओपीडी में आ रहे है। जिसमे से कई लोग गंभीर स्थिति में भी आते है। बावजूद इसके पूरे राज्य में ईएसआईएस द्वारा कैंसर, न्यूरो, नेफ्रो और हार्ट के मरीजों के लिए को अस्पताल नहीं है। कर्मचारी राज्य बीमा योजना के रुद्रपुर केंद्र का आलम यह कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ललित सिंह की गैरमौजूदगी में चतुर्थ श्रेणी की कर्मचारी शोभना द्वारा जानकारी दी जाती है, सवालों के जवाब न होने पर वो दूसरे डॉक्टर से बात करने को कहती है वहीं डॉ अपना नाम और जानकारी के लिए अपना फोन नंबर भी देने से कतराते दिखे हालांकि सूत्रों के मुताबिक उनका नाम डॉ राहुल बत्रा बताया जा रहा है। बता दे कि स्टाफ द्वारा मिडिया में ऊंची पहुंच तक का हवाला दिया गया। हालांकि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ललित सिंह से फ़ोन पर हुई बातचीत के बाद सवालों पर जानकारी दी।