भोंपूराम ख़बरी , रुद्रपुर। भाजपा सरकार व उनके प्रतिनिधि नजूल मामले पर नगरवासियों को गुमराह कर रहे हैं जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने जिस नजूल नीति को बहाल किया है वह कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत के कार्यकाल में बनी थी। यह दावा पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष संदीप चीमा ने लिया।
चीमा ने कहा कि भाजपा सरकार यदि नजूल पर मालिकाना हक देने की मंशा रखती तो अब तक नजूल भूमि पर काबिज लोगों को मालिकाना हक दे देती। पिछली कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जो नजूल नीति बनाई थी उसी को सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में बहाल किया है। भाजपा सरकार नजूल के मामले में सिर्फ वाहवाही लूट रही है और जनता को गुमराह कर रही है। चीमा ने कहा कि जब कांग्रेस सरकार के समय में नजूल नीति बनी थी तब सैकड़ों लोगों ने फ्री होल्ड की फाइल लगा कर 25 प्रतिशत धनराशि सरकार के खाते में जमा की थी। उसी नीति को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने निरस्त किया था और जिसे लेकर स्थानीय सुनीता शर्मा सर्वोच्च न्यायालय गई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनीता शर्मा की रिट पर ही कांग्रेस की बनाई गई नजूल नीति को बहाल करते हुए उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेश को निरस्त किया है। लेकिन मौकापरस्त सरकार अब उसी नीति में बदलाव कर वाहवाही लूटना चाहती है जबकि सरकार का नजूल पर मालिकाना हक देने का कोई मन नहीं था। चीमा ने कहा कि कांग्रेस की गरीबों के प्रति विकास पर सोच को भाजपा सरकार अपना नाम देकर जनता को गुमराह कर रही है। आने वाले चुनाव में जनता कांग्रेस को पूर्ण बहुमत देकर चुनाव जिताएगी और प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस की सरकार बनेगी।