भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर। दोस्ती में दगा कर लाखों रुपये लूटने और हत्या करने वाले दोनों युवकों को तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री राजनी शुक्ला ने सोमवार को आजीवन कारावास एवं 38, हज़ार रुपया है जुर्माने की सजा सुना कर जेल भेज दिया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायण पटवा ने बताया कि वार्ड नंबर 18 दरियानगर निवासी अशोक कुमार ने 27: नवंबर 2014 को कोतवाली गदरपुर में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी की उसका भतीजा गगन भुडडी निवासी दरियानगर जो रेता बजरी का काम करता था उसने शिवशंकर नामक व्यक्ति से रेता बजरी के पैसे लेने थे जिन्हें वापस माँगने पर शिवशंकर ने कहा कि उसे काशीपुर में सतीश नामक व्यक्ति से पैसे लेने हैं तुम मेरे साथ काशीपुर चलो मैं पैसे लेकर दे दूँगा। इस पर 26 नवम्बर 2014 को शिवशंकर उसके भतीजे गगन के साथ कार में बैठ कर चल दिया शिवशंकर ने अपने दोस्तों अभिषेक राय व गोलू उर्फ़ चन्दन निवासीगण ग्राम कीरतपुर को फ़ोन किया तो वे भी रास्ते में मिल गये ।चारों काशीपुर पहुँचे और वहाँ शिवशंकर ने सतीश से रूपये लेकर एक बैग में डालकर कार में रख लिये जिसके बाद वे वापिस रूद्रपुर को चल दिये रास्ते में गगन व शिवशंकर पेशाब करने उतरे,पेशाब कर जब वह कार में आये तो देखा कि अभिषेक बैग में से रूपये निकाल रहा था जिस पर उनमें कहासुनी होने लगी ।जब कार गदरपुर थाना क्षेत्र में सकेनिया व राजपुरा के बीच पहुँची तो वहाँ पर कार को रोककर उनके बीच काफ़ी देर तक कहासुनी हुयी पीछे बैठे अभिषेक राय ने गगन के सिर में बायीं तरफ़ तमंचे से गोली मारकर उसकी हतया कर दी,शिवशंकर कार से निकल कर भागा तो गोलू उर्फ़ चन्दन ने जान से मारने की नियत से उस पर गोली चला दी जो कार का दरवाज़ा खुलने के कारण गोली दरवाज़े में जा धँसीं जिसे पुलिस ने कार में से बरामद कर लिया ।दोनों अभियुक्त रूपयों से भरा बैग लूट कर वहाँ से भाग गए ।पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को 3 दिसम्बर 2014 को गिरफ़्तार कर उनसे तमंचे एवं लूटे गए रूपयों में से 55330 रूपये बरामद कर न्यायालय में पेश किया ।बाद में पुलिस ने उनको रिमांड पर लेकर उनकी निशानदेही पर लूटे गये बाकी के दो लाख रुपये और बरामद कर लिए ।
दोनों के विरूद्ध तृतीय अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री रजनी शुक्ला के न्यायालय में मुक़दमा चला जिसमें एडीजीसी लक्ष्मी नारायण पटवा ने 14 गवाह पेश कर आरोप सिद्ध कर दिया जिसके बाद न्यायाधीश महोदय ने सोमवार को दोनों को दोषी करार देते हुए धारा 302 में आजीवन कारावास व 15 हज़ार रुपये जुर्माने,धारा 394 में 10 वर्ष के कठोर कारावास और 15 हज़ार रुपये जुर्माने,धारा 397 मैं 7 वर्ष के कठोर कारावास, धारा 411 में 3 वर्ष के कठोर कारावास और 3000 रूपये जुर्माने तथा धारा 25 आर्मस एक्ट में 3 वर्ष के कठोर कारावास और 5000 रूपये जुर्माने की सज़ा सुना दी ।