Sunday, June 22, 2025
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तप की देवी है द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी

भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन भी मंदिरों की में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी । श्री सनातन धर्म पांच मंदिर में प्रातः काल से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। कोविड-19 को देखते हुए मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया था। पांच मंदिर के पंडित पुष्पेंद्र शास्त्री ने बताया कि द्वितीय ब्रह्मचारिणी मां सबकी देवी है। तपस्या के द्वारा ब्रह्म भाव को स्थिर कराने वाली देवी ही ब्रह्मचारिणी है। इनके हाथ में परम सिद्धि का पात्र कमंडल है ।पंडित शास्त्री ने बताया जब तक मन ,चित्तष बुद्धि और अहंकार की सिद्धि नहीं होती ,तब तक जीव ब्रह्म भाव को प्राप्त नहीं हो सकता। अंतःकरण की शुद्धि तपस्या से ही होती है। उन्होंने बताया कि द्वितीय मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना परम पवित्र होकर करनी चाहिए और देवी का ध्यान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि धर्म ,अर्थ ,काम, मोक्ष यह पुरुषार्थ चतुषटा कहे जाते हैं। इन्हीं की सिद्धि के लिए जीव अपने कर्म भाव को पवित्र करने के लिए देवी की पूजा आराधना करता है। नवरात्र पर पांच मंदिर के अलावा हरि मंदिर, दुर्गा मंदिर, अग्रवाल धर्मशाला, शिव शक्ति मंदिर ,अटरिया मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, मनोकामना मंदिर ,नीलकंठ मंदिर सहित शहर के तमाम मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।

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