Monday, June 23, 2025
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कोविड महामारी के बीच संकटमोचक बना कोरोना सहायता समूह

भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर।  लगभग सौ करोड़ की लागत से तैयार हुआ और बीते सवा दो साल से सफ़ेद हाथी साबित हुआ राज्य कर्मचारी बीमा योजना (ईएसआईसी) अस्पताल आखिरकार आम जनता के काम आना शुरू हो ही गया। लेकिन इसके लिए राज्य सरकार अथवा प्रशासन नहीं बल्कि उधम सिंह नगर की जिलाधिकारी रंजना राजगुरु और गैर सरकारी संगठन कोरोना सहायता समूह का समर्पण भाव जिम्मेदार है। जिस अस्पताल में बीते दो सालों में ओपीडी नहीं की गयी आज वहां दो शिफ्टों में काम चल रहा है। लगभग तीस कोरोना पीड़ितों का इलाज हो रहा है। साथ ही चार विशेषज्ञों, बारह चिकित्सकों सहित पच्चीस नर्सिंग स्टाफ की टीम पूरे मनोयोग से मरीजों की सेवा में जुटी हुई है।

ज्ञातव्य है कि रुद्रपुर के जिला स्पोर्ट्स स्टेडियम के ठीक पीछे पांच एकड़ भूमि पर निर्मित इस ईएसआईसी अस्पताल का आरम्भ 20 फरवरी 2019 को केन्द्रीय मंत्री संतोष गंगवार व सूबे के मंत्री हरक सिंह रावत ने मिलकर किया था। लेकिन दो साल बाद भी शासकीय अनदेखी के चलते केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के अंतर्गत यह अस्पताल पूर्ण रूप से कार्य नहीं कर रहा था। इसी बीच कोविड की दूसरी लहर ने दस्तक दी तो शहर के कुछ समाजसेवियों ने इस अस्पताल का पुनरोद्धार कर कोविड के मरीजों की मदद का फैसला लिया। इसके लिए डीएम रंजना राजगुरु से संपर्क किया गया। कोरोना सहायता समूह के सदस्यों ने सब खर्च खुद वहन करने के साथ ही यहाँ चिकित्सकों व अन्य स्टाफ का मानदेय भी खुद ही देने का भरोसा दिया।

यहाँ बनाये गए कोविड सेंटर के प्रबंध निदेशक प्रतीक सिंह ने बताया कि फिलहाल अस्पताल में ओपीडी चल रही है और तीस मरीज भर्ती हैं जिसमे से तीन की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि आईसीयू का काम समाप्ति की और है और दो दिन में यह कार्य करना शुरू कर देगा। सिंह ने बताया कि इस सेंटर पर द्रोण नर्सिंग कॉलेज की ओर से बीस स्टाफ दिए गए। बताया कि शहर के प्रमुख समाजसेवी विजय भूषण गर्ग ने दो एम्बुलेंस दी हैं। समूह से जुड़े शहर के उद्यमी जेबी सिंह ने बताया कि यहाँ का कोविड सेंटर 120 शैया युक्त होगा और यहाँ देश के किसी भी स्थान से आने वाले मरीज का इलाज पूर्णतया निशुल्क किया जायेगा। कोरोना सहायता समूह के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्पताल को कोविड सेंटर में बदलने के लिए लगभग एक करोड़ रुपये खर्च हुआ है। इसके अलावा सभी स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन का भुगतान भी समूह ही करेगा।

पिछले कोरोना काल में भी कोरोना सहायता समूह की अभिनव पहल रंग लाई थी। इस बार भी इस समूह ने न केवल सैनिटाइजेशन और मास्क वितरण का कार्य किया बल्कि अस्पताल को डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ भी उपलब्ध कराया है। उनका पूर्ण खर्च भी कोरोना सहायता समूह ही उठा रहा है। इसके साथ ही सरकार की ओर से दी जाने वाली दवाओं के अलावा अन्य दवाओं का खर्च भी कोरोना सहायता समूह ने ही उठाने का निर्णय लिया है। विजय भूषण गर्ग, समाजसेवी

अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने का सिलसिला शुरू हो चुका है। यहाँ मरीजों को खाना राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि उनके तीमारदारों के लिए भोजनकी व्यवस्था कोरोना सहायता समूह की ओर से की जा रही है। इसके अलावा समूह ने पैथोलॉजी और एक्स-रे खर्च की जिम्मेदारी भी ले रखी है, जो निःशुल्क है। —– ललित मिगलानी ,,,कोरोना सहायता समूह सदस्य

जिले के अधिकारी लगातार हमारे संपर्क में हैं और हिम्मत बढ़ा रहे हैं। जिला अधिकारी रंजना राजगुरु, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर और कोविड-19 नोडल ऑफिसर बंशीधर तिवारी, सीएमओ डॉ देवेन्द्र पंचाल ने इस कोविड सेंटर के बनने में बहुत सार्थक प्रयास किये हैं। —- कल्याणी सिंह, चिकित्सक

 

 

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