रुद्रपुर। शहर की गलियां हों, रोडवेज अथवा रेलवे स्टेशन हो या फिर सड़क किनारे भीख मांगते बच्चे, इन सबको शिक्षा देने के लिए रुद्रपुर की गायत्री पाण्डेय ने बीड़ा उठाया है। गरीब और मलिन बस्तियों के बच्चों को चिन्हित कर उन्हें शिक्षा दे रही हैं। सिर्फ इतना ही नहीं उन्हें संस्कारवान भी बना रहीं हैं। बच्चों को दोहे, श्लोक, डांस, संगीत का प्रशिक्षण स्वयं देती हैं।
गंगापुर रोड निवासी गायत्री पिछले 10 वर्षों से भिक्षा वृत्ति, गरीब व बेसहारा बच्चों को शिक्षा दे रहीं हैं। स्वयं उनके घर जाकर रोजाना दो से तीन घंटे तक शिक्षा देती हैं। इतना ही नहीं उन बच्चों को नृत्य, संगीत और हुनरमंद बनाने का भी प्रयास कर रही हैं।
गायत्री पिछले 10 वर्षों में अब तक पांच हजार से अधिक बच्चों को पढ़ा चुकी हैं। जिसमें संजय नगर, पहाड़गंज, ट्रांजिट कैंप, बंगाली कालोनी, भदईपुरा, खेड़ा में सबसे अधिक गरीब और भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को चिन्हित किया है। इसके लिए उन्होंने सबसे पहले परिजनों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। फिर उनके बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। जिन बच्चों के परिजनों ने आनाकानी की या फिर बच्चों को नहीं भेजा उनके घर जाकर वहीं रोजाना पढाने की ठान ली। गायत्री का मुख्य उद्देश्य समाज को शिक्षा के प्रति जागरूक करना है।
वर्तमान में वह 8 वर्ष से लेकर 16 वर्ष तक की आयु के 60 से अधिक बच्चों को शिक्षित कर रही हैं। पहले बच्चों को स्वयं स्वच्छ रहकर साफ-सफाई करने के लिए जागरूक करती है, फिर पढ़ाई और सामाजिक ज्ञान देती हैं। उनके पढ़ाए गए बच्चों की स्थिति यह कि वर्तमान में बच्चे हिंदी के साथ ही अंग्रेजी, संस्कृत का पाठ भी रटने लगे हैं।
स्वयं करती हैं उनकी जरूरतों की पूर्ति
निर्धन बच्चों को शिक्षा देने के लिए उनकी हर जरूरतों को गायत्री स्वयं पूरा करती हैं। स्टेशनरी से लेकर अन्य किसी भी चीज के लिए किसी से कोई मदद नहीं लेती हैं। बच्चों को स्कूल बैग, कॉपी, किताब, कपड़े, जूते आदि वस्तुएँ देती हैं।