भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। नगर की बस अड्डे के सामने वाली प्राचीन रामलीला में गुरुवार रात्रि रामलीला में लक्ष्मण मेघनाद युद्ध, मेघनाद द्वारा लक्ष्मण पर ब्रह्यास्त्र, राम का विलाप, हनुमान का सुषेण वैद्य को लाना, संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाना, लक्ष्मण का मेघनाद द्वारा किया जा रहा यज्ञ विध्वंस करना, मेघनाद -रावण, मेघनाद-मंदोदरी व मेघनाद- सुलोचना की अन्तिम मुलाकात, मेघनाद वध की सुुन्दर लीला का मंचन हुआ। श्री रामलीला का उद्घाटन नगर के समाजसेवी केसर दास खेड़ा, मनोज खेड़ा, ललित खेड़ा, राजेश पसरीचा व उमेश पसरीचा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। रामलीला कमेटी ने समस्त अतिथिगणों को माल्यार्पण कर, षाल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। सारथी फाउंडेशन ने सभी को तुलसी के पौधे देकर पर्यावरण रक्षा का संदेश दिया।
आज की श्री रामलीला में लीला में सर्वप्रथम लक्ष्मण-मेघनाद युद्ध में मेघनाद ब्रह्मास्त्र का प्रयोग कर लक्ष्मण को मूर्छित कर देता है। विभीषण राम को बताते है कि लंका मे सुषेण वैद्य को बुलाना चाहिए, तो हनुमान ंलंका जाकर सुषेण वैद्य को कंधे पर बैठा लाते है। सुषेण राम को संजीवनी बूटी का प्रबंध करने को कहते है तो राम हनुमान को संजीवनी बूटी लाने को कहते है। रामाज्ञा मिलते ही हनुमान रवाना होते है और भोर होने से पहले संजीवनी बूटी लेकर आते है। लक्ष्मण जीवित हो उठते है। राम हनुमान को गले लगा लेते है। तब लक्ष्मण पुनः युद्ध में जाने की आज्ञा मांगते है तो विभीषण उन्हें मेघनाद के द्वारा कालजयी यज्ञ किये जाने की सूचना देते है। लक्ष्मण की आज्ञा पर हनुमान द्वारा यज्ञ विध्वंस कर दिया जाता है।
मेघनाद के अंतिम युद्ध के लिये अपने परिवार से ली गयी अंतिम विदाई के दृश्य में रावण के रूप विशाल भुड्डी व मेघनाद के रूप में अभिनय करने वाले रमन अरोरा ने अपने अभिनय से पूरे दृश्य को जीवंत कर दिया। इसके बाद युद्ध में लक्ष्मण द्वारा मेघनाद का वध कर दिया जाता है। लक्ष्मण के रूप में राजकुमार कक्कड़ व मेघनाद के रूप में रमन अरोरा दोनो युवाओ ने बेहद आक्रामक रूप से किये संवाद एंव युद्ध के दौरान दर्जनो बार तालियों से पंडाल गूंज उठा।
राम की भूमिका में मनोज अरोरा, लक्ष्मण के रूप में राजकुमार कक्कड़़, रावण के पात्र के रूप में विषाल भुड्ड़ी, मेघनाद के रूप में रमन अरोरा, हनुमान के रूप में सुशील गाबा, गणेश जी के रूप में आशीष ग्रोवर, सुषेण वैद्य के रूप में मनोज मुंजाल, विभीषण सचिन आनन्द, मन्दोदरी-सुमित आनन्द, सुलोचना- सन्नी धई, धनपालिनी- गोला ईदरीस, अंगद- मोहन अरोरा व जोकर पार्टी रामकृश्ण कन्नौजिया, गोला इदरीस, कक्कू शर्मा व गोगी नरूला ने अपने अपने पात्रो में जान फूंक दी।